नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जुड़े किसी भी लक्षण यानी खा खांसी-जुकाम के नजर आने र मात कोर्टारिया में अत पर प्रवेश संभव नहीं होगा. सोमवार स काट म आन वाल लागा से बकायदा फॉर्म भरवा कर यह कि वह किसी ऐसे देश तो नहीं गए थे जहां कोरोना का असर है या उनके परिवार में कोई कोरोना से प्रभावित तो नहीं है. फॉर्म में यह भी पूछा जा रहा है क्या वह बखार या खांसी-जुकाम से तो परेशान नहा ह? काट परिसर के अंदर सिर्फ जरूरी काम वालों को ही है.कोर्ट रूम के अंदर भी प्रवेश आज बेहद सीमित है. कोर्ट रूम के अंदर सिर्फ संबंधित मामले में जिरह करने वाले वकीलों को ही प्रवेश दिया जा रहा है. इसके अलावा किसी मामले से ज? एक वाटी को ही कोर्ट के अंदर प्रवेश दिया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट परिसर के अंदर सभी कैटीन. गाइडेड टर और म्यजयिम फिलहाल बन्द रहेंगे. कोर्ट में आज सुनवाई भी थो?ी देर से लगभग 10.45 शरू हई. जस्टिस अरुण मिश्रा ने कोर्ट में भी? को देखते हए कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए सप्रीम कोर्ट इतना तैयार नजर नहीं आता. हाइ काट में स्पेस ?यादा हैं, वहां कोर्ट रूम ?यादा ब? हैं. पूरे सुप्रीम कोर्ट परिसर का रोज शाम 6 बजे सेनेटाइजेशन होगा. कोरोना के खतरे के की कड़ी टिप्पणी मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट परिसर में एंट्री करने वाले हर शख्स की तापमान की थर्मल स्क्रीनिंग हो रही है. उसके बाद ही परिसर के अंदर उसे प्रवेश मिल पा रही है. वायरस के खतरे के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट का कामकाज फिलहाल सीमित कर दिया है. आज सिर्फ 6 बेंच बैठ रही है, जिनके सामने कुल 72 केस लगे हैं. गौरतलब है कि भारत में भी कोरोना वायरस का संक्रमण 15 राज्यों में फैल गया है और देशभर में इसक अबतक 110 मामले सामने आ चुक ह. इस बाच सामवार को ईरान से 53 और भारतीयों का वतन वापसी हुई जिनमे 52 स्टूडेंट्स और एक टीचर शामिल हैं.
अगर खांसी-जुकाम भी है, तो नहीं मिलेगा सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश, जस्टिस मिश्रा की कड़ी टिप्पणी