नई दिल्लीपिछले शुक्रवार को शेयर बाजार को हमने ब्लैक फ्राइडे से रोमांचक फाइडे बनते देखा। आज यानी सोमवार 16 मार्च को शेयर बाजार पर कोरोना का प्रभाव दिखा। घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स 1000 अंक टूटकर 33,103.24 के स्तर पर खुला तो वहीं निफ्टी 367 अंकों की गिरावट के साथ के 9,587.80 स्तर पर। प्री ओपनिंग में ही सेंसेक्स सुबह नौ बजकर 12 मिनट पर 1000 अंकों का गोता लगा चुका था। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 1545 अंकों का गोता लगा चुका है और वह 32,557.64 के स्तर पर आ गया ।मल्टीप्लेक्स का परिचालन करने वाली कंपनियों के शेयर सोमवार को 19 प्रतिशत तक गिर गए। विभिन्न राज्यों ने कोरोना वायरस के संक्रमण से फैल रही महामारी को रोकने के लिये सिनेमाघरों को 31 मार्च तक बंद रखने का निर्णय लिया है। मल्टीप्लेक्स कंपनियों के शेयरों में इसी कारण गिरावट आई है। बीएसई में पीवीआर का शेयर 18.85 प्रतिशत गिरकर 52 सप्ताह के निचले स्तर 1,045.85 रुपये पर आ गया। आईनॉक्स लीजर का शेयर भी 14.77 प्रतिशत गिरकर 270 रुपये पर आ गया। सेंसेक्स 5.47त्न गिरावट के बाद अभी 32,236.68 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं निफ्टी 523.40 अंकों की गिरावट के साथ 9,431.80 के स्तर पर है। यस बैंक का शेयर इस गिरावट में भी 43.84 फीसद फायदे के साथ 36.75 रुपये पर कारोबार कर रहा है। आज यह 26 रुपये 70 पैसे पर खुला था। सोमवार सुबह गिरावट से निवेशकों के 6.25 लाख करोड़ रुपये डूब गए। कोरोना के खौफ से बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शुरुआती कारोबार में 6,25,501.8 करोड़ रुपये घटकर 1,23,00,741.02 करोड़ रुपये रह गया सेंसेक्स 32,146.59 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। यह अबतक 1956 अंक टूट चुका है। वहीं निफ्टी 9,432.45 के स्तर पर आ गया है। अब तक 522.75 अंकों के नुकसान के साथ कारोबार कर रहा है। निफ्टी 50 के 49 शेयर इस समय लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। वहीं सेंसेक्स का कोई भी स्टॉक हरे निशान पर नहीं है कारोबारियों के अनुसार, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर घटाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के गहरे असर की आशंकाएं मजबूत हो गयीं। इसने बाजार की धारणा को कमजोर किया। फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर घटाने के बाद अमेरिका शेयर बाजार वायदा कारोबार में धराशायी हो गये। फेडरल रिजर्व की इस घोषणा के बाद बैंक ऑफ जापान ने आपातकालीन बैठक बुलायी। इसने भी धारणा पर असर डाला।कारोबार के दौरान एशियाई बाजारों में जापान का निक्की ही अकेला रहा, जो नहीं टूटा। इसके अलावा चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कोस्पी दो प्रतिशत तक की गिरावट में चल रहा था। कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निकासी जारी रहने से भी बाजार पर असर पड़ रहा है। प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने शुक्रवार को घरेलू बाजार से 6,027.58 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की। इस बीच कच्चा तेल 2.98 प्रतिशत गिरकर 32.84 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था। सेंसेक्स की शीर्ष दस कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 4,22,393.44 करोड़ रुपये की भारी गिरावट आई। सबसे अधिक नुकसान में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) रहीं। बीते सप्ताह शेयर बाजारों में कोरोना वायरस का कहर छाया रहा। दुनिया भर के शेयर बाजार इससे प्रभावित हुए। इसका असर घरेलू शेयर बाजारों पर भी पड़ा। यहां भी घबराए निवेशकों ने जमकर बिकवाली की सप्ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्स 3,473.14 अंक या 9.24 प्रतिशत नीचे आया। सप्ताह के दौरान टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 1,16,549.07 करोड़ रुपये घटकर 6,78,168.49 करोड़ रुपये पर आ गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार मूल्यांकन 1,03,425.15 करोड़ रुपये घटकर 7,01,693.52 करोड़ रुपये रह गया। इसी तरह इन्फोसिस की बाजार हैसियत में भी बड़ी गिरावट आई ।इन्फोसिस का बाजार मूल्यांकन 41,315.98 करोड़ रुपये की गिरावट के साथ 2,73,505.62 करोड़ रुपये पर आ गया। सेंसेक्स की शीर्ष दस कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज शीर्ष पर कायम रही। उसके बाद क्रमश- टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इन्फोसिस, भारती एयरटेल और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि कोविड-19 से जिस प्रकार आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं उससे अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लगा है। इससे बाजार में निवेश धारणा कमजोर हुई है। घरेलू खपत के साथ नियात पर भी निश्चित रूप से इसका असर दिखेगादुनिया भर में पर्यटन और परिवहन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, बाजार में जो भारी गिरावट आई है, वहां से इसमें सुधार की उम्मीद है। हालांकि, आने वाले दिनों में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है, हमें कुछ तेजी भी देखने को मिल सकती है। हालांकि ये सब थोड़े समय के लिए होगा। वैश्विक उतारचढ़ाव के इस दौर में खुदरा निवेशकों को शांत रहना चाहिए और घबराना नहीं चाहिए।
चंद मिनटों में निवेशकों के 6.25 लाख कराड़ रुपये डूबे, मल्टीप्लेक्स कंपनियों के शेयर धड़ाम